विशेषण गतिविधि - 'जादुई थैला'
व्याकरण का अधिकतर शिक्षण परम्परागत तरीके से होता है, जिसके तहत शिक्षक बोलता है और विद्यार्थी बस निष्क्रिय श्रोता की तरह सुनते रहते हैं। यह भी नहीं पता लग पाता कि कही गई कितनी बातें, कितना ज्ञान विद्यार्थी समझ पाया। पाठ्यपुस्तकों और अभ्यास पुस्तकों में कई अभ्यास दिए होते हैं। लेकिन समझ बनाने के लिए केवल अभ्यास ही काफी नहीं है। किसी भी बात को समझने के बेहतरीन तरीकों में से एक है- खेल -खेल में सीखना l इससे विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति दिलचस्पी भी बढ़ जाती है। विशेषणों के ज्ञानार्जन एवं शिक्षण को अधिक असरदार तथा आनन्ददायक बनाने के लिए कक्षा CAM 5 में 'जादुई थैला' गतिविधि करवाई गयी l कक्षा में एक थैले में कुछ खिलौने डाल दिए गए l विद्याथियों ने एक-एक कर थैले में हाथ डाल कर किसी एक खिलौने को देखे बिना उसके बारे में बताया कि यह खिलौना कैसा हो सकता है l इसका रंग ,रूप आकर इत्यादि के बारे में lबताया l बाद में छात्रों ने उस थैले में से खिलौने को निकालकर फिर से उसके बारे में बताया ,परन्तु इस बार उस खिलौने को देख कर l इस प्रकार विद्यार्थी विशेषण के प्रमुख भेद 'गु